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Saturday, 3 December 2011

प्यार इक बार ही होता है बार-बार नही

प्यार इक बार ही होता है बार-बार नही
ये तो अहसास है यारों कोई व्यपार नही

आइना देखने की जिसपे है फुर्सत बाकि
दीवानगी का वो पूरी तरह हकदार नही

दवाब मिलने का महबूब पर जो डालता है
किसी नजर से आशिक वो समझदार नही

नही है दूध से धुला हुआ कोई शख्स यहाँ
ज़ुल्फ़ की जंजीरों में कौन गिरफ्तार नही

चैन उड़ता है सभी का ही बेचैन देर सवेर
आज अपना भी उड़ा है मुझे इनकार नही

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