काश रिश्तेदार सारे एक नाव में हो
डूब जाये सभी चर्चा पूरे गाँव में हो
मैं आज इससे बड़ी बददुआ क्या दू
रकीब मेरे सभी द्रोपदी से दाँव में हो
ख्याल रखना मौला मेरे मुरीदो का सदा
ना छाला उनके कभी दिल-ओ-पाँव में हो
न औरों को कभी जिसने तवज्जो दिया
उनका जिक्र भी कौवों सी कांव-कांव में हो
कभी मिला खुदा तो यही करूंगा जिक्र
बेचैन ख्वाबों ख्यालों की सभी छांव में हो
डूब जाये सभी चर्चा पूरे गाँव में हो
मैं आज इससे बड़ी बददुआ क्या दू
रकीब मेरे सभी द्रोपदी से दाँव में हो
ख्याल रखना मौला मेरे मुरीदो का सदा
ना छाला उनके कभी दिल-ओ-पाँव में हो
न औरों को कभी जिसने तवज्जो दिया
उनका जिक्र भी कौवों सी कांव-कांव में हो
कभी मिला खुदा तो यही करूंगा जिक्र
बेचैन ख्वाबों ख्यालों की सभी छांव में हो
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