तू सचमुच जुड़ा है गर मेरी जिंदगी के साथ
तो कबूल कर मुझको मेरी हर कमी के साथ
रूह की बुनियाद हिला देगी ये लम्बी उदासी
हमेशा मत रहा कर आँखों की नमी के साथ
इससे ज्यादा यकीं बाप क्या करे रिश्तो पर
बेटी विदा कर देता है एक अजनबी के साथ
बाऊं जी मरने से पहले मुझे बताकर गए थे
समय शतरंज खेलता है हर आदमी के साथ
परेशान मत हो बेचैन इश्क और तिज़ारत में
जीते जी पेश आती है दिक्क़ते सभी के साथ
तो कबूल कर मुझको मेरी हर कमी के साथ
रूह की बुनियाद हिला देगी ये लम्बी उदासी
हमेशा मत रहा कर आँखों की नमी के साथ
इससे ज्यादा यकीं बाप क्या करे रिश्तो पर
बेटी विदा कर देता है एक अजनबी के साथ
बाऊं जी मरने से पहले मुझे बताकर गए थे
समय शतरंज खेलता है हर आदमी के साथ
परेशान मत हो बेचैन इश्क और तिज़ारत में
जीते जी पेश आती है दिक्क़ते सभी के साथ
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