तेरी खुमारी कम हो तो पीऊ शराब मैं
अब क्या लगाऊ अपनी बेखुदी का हिसाब मैं
कर्मजला इश्क मुझे कही का ना छोड़ेगा
सिवा तेरे नही देखता कोई भी ख्वाब मैं
जब से तेरे लबो को गौर से देखा है
मुह सिकोड़ लेता हूँ देखकर गुलाब मैं
मुझे क्या करेगा जेल भीतर थानेदार
गिरफ्तार हूँ जुल्फों में पहले से जनाब मैं
क्या मेरी तरह से वो भी इश्क में पागल है
नही दे पाऊंगा सचमुच कोई जवाब मैं
कमबख्त दिल तो अभी तक भी बच्चा ठहरा
इसलिए लगाता हूँ बालों में हिजाब मैं
अश्को में दिखती है उसकी शक्ल बेचैन
बस इसलिए रखता हूँ आँखे पुरआब मैं
अब क्या लगाऊ अपनी बेखुदी का हिसाब मैं
कर्मजला इश्क मुझे कही का ना छोड़ेगा
सिवा तेरे नही देखता कोई भी ख्वाब मैं
जब से तेरे लबो को गौर से देखा है
मुह सिकोड़ लेता हूँ देखकर गुलाब मैं
मुझे क्या करेगा जेल भीतर थानेदार
गिरफ्तार हूँ जुल्फों में पहले से जनाब मैं
क्या मेरी तरह से वो भी इश्क में पागल है
नही दे पाऊंगा सचमुच कोई जवाब मैं
कमबख्त दिल तो अभी तक भी बच्चा ठहरा
इसलिए लगाता हूँ बालों में हिजाब मैं
अश्को में दिखती है उसकी शक्ल बेचैन
बस इसलिए रखता हूँ आँखे पुरआब मैं
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