कहो तो हलफनामा दे दूं अपने वादों का
जिंदगी कच्चा ना समझ मुझे इरादों का
मैं हालात की भट्ठी से तपकर निकला हूँ
नही है मुझमे कमीनापन शहजादों का
तू करता होगा फुरसत निकाल कर याद
मेरी तो हर सांस में है मौसम यादों का
हवस को जो महोब्बत का नाम देते है
बस चले तो नाश कर दूं हरामजादों का
सदा इश्क में रखूंगा भोलापन बेचैन
बेशक जमाना नही है सीधे-सादों का
जिंदगी कच्चा ना समझ मुझे इरादों का
मैं हालात की भट्ठी से तपकर निकला हूँ
नही है मुझमे कमीनापन शहजादों का
तू करता होगा फुरसत निकाल कर याद
मेरी तो हर सांस में है मौसम यादों का
हवस को जो महोब्बत का नाम देते है
बस चले तो नाश कर दूं हरामजादों का
सदा इश्क में रखूंगा भोलापन बेचैन
बेशक जमाना नही है सीधे-सादों का
No comments:
Post a Comment