मजबूरियों के जाल में है चाँद मेरा
खुदा जाने किस हाल में चाँद मेरा
ईद का मौका है मैं खुश तो हूँ मगर
अनसुलझे सवाल में है चाँद मेरा
तभी अपना दीदार नही करवाया
शायद मलाल में है में चाँद मेरा
जीते जी नही टूटेगा यह भ्रम
मेरे इस्तकबाल में है चाँद मेरा
परियो का जिक्र है जहाँ भी बेचैन
हरेक उस मिसाल में है चाँद मेरा
खुदा जाने किस हाल में चाँद मेरा
ईद का मौका है मैं खुश तो हूँ मगर
अनसुलझे सवाल में है चाँद मेरा
तभी अपना दीदार नही करवाया
शायद मलाल में है में चाँद मेरा
जीते जी नही टूटेगा यह भ्रम
मेरे इस्तकबाल में है चाँद मेरा
परियो का जिक्र है जहाँ भी बेचैन
हरेक उस मिसाल में है चाँद मेरा
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