वो बरसात के मौसम में ये सोचकर छोड़ गया
साला रोयेगा तो लोग कह देंगे भीगा हुआ है
हुश्न वालो की हुश्यारी देखकर सोचता हूँ
हरेक दांवपेच माँ के पेट से सीखा हुआ है
इतना भी रंज ना करो किसी की बेवफाई का
आपके साथ वो हुआ जो नसीब में लिखा हुआ है
महोब्बत, रिश्ते, व्यपार सब मुखोटाधारी है
आज अपने ईमान पर बता कौन टिका हुआ है
महबूब क्यूं करेगा फ़िक्र तुझ मुफलिस की बेचैन
वो ऐसो-आराम के हाथों में बिका हुआ है
साला रोयेगा तो लोग कह देंगे भीगा हुआ है
हुश्न वालो की हुश्यारी देखकर सोचता हूँ
हरेक दांवपेच माँ के पेट से सीखा हुआ है
इतना भी रंज ना करो किसी की बेवफाई का
आपके साथ वो हुआ जो नसीब में लिखा हुआ है
महोब्बत, रिश्ते, व्यपार सब मुखोटाधारी है
आज अपने ईमान पर बता कौन टिका हुआ है
महबूब क्यूं करेगा फ़िक्र तुझ मुफलिस की बेचैन
वो ऐसो-आराम के हाथों में बिका हुआ है
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