बाकि तो सब ठीक है पर किरदार गिर गये
भाईचारे के हर तरफ व्यवहार गिर गये
खबरों की प्रधानता तो अब रही ही नही
विज्ञापनबाज़ी में फंस अखबार गिर गये
खुदगर्जी ने कर डाले इस कदर अंधे
दूर दूर तक सब रिश्तेदार गिर गये
ख़ाक करेगा आम आदमी खरीदारी
शापिंग मॉल में ढलकर बाज़ार गिर गये
अब तो फूलों से ही खरी चुभन मिलती है
तीखे तेवरों वाले सब खार गिर गये
क्यूं नही होगा कत्ल अहसास का बेचैन
रिश्तों के जब सारे एतबार गिर गये
भाईचारे के हर तरफ व्यवहार गिर गये
खबरों की प्रधानता तो अब रही ही नही
विज्ञापनबाज़ी में फंस अखबार गिर गये
खुदगर्जी ने कर डाले इस कदर अंधे
दूर दूर तक सब रिश्तेदार गिर गये
ख़ाक करेगा आम आदमी खरीदारी
शापिंग मॉल में ढलकर बाज़ार गिर गये
अब तो फूलों से ही खरी चुभन मिलती है
तीखे तेवरों वाले सब खार गिर गये
क्यूं नही होगा कत्ल अहसास का बेचैन
रिश्तों के जब सारे एतबार गिर गये
1 comment:
wah bhai wah!
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