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Friday, 27 April 2012

भला देखने वाला क्या आँखें फुडवाएगा


जब अदाओं के साथ हुस्न यूं पेश आएगा
भला देखने वाला क्या आँखें फुडवाएगा

बाकायदा मालूम है हलवाई को ये बात
जिसके नसीब में है मिठाई वो खाएगा

कलेजा मुह को आ गया है तस्वीर देखकर
क्या होगा गर तू रूबरू गौर फरमाएगा

अगर हो सके तो छोड़ ये अंदाज़ कतिलाने
वरना आशिको को आपस में भिडवाएगा

मजाक की सौ बातें मगर यह सच है बेचैन
मेरा महबूब  देख तू भी शरमा जाएगा

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