Friends

Sunday, 29 April 2012

तुझसे बिछड़ा तो जीते जी मर जाऊंगा


मैं जान दे दूंगा या तुझको पाऊंगा
तुझसे बिछड़ा तो जीते जी मर जाऊंगा

तीसरे दिन मेरा इंतिहान ना ले तू
तैश में जान कभी हद से गुजर जाऊंगा

मेरी हिम्मत है तू हमकदम बनके चल
कामयाबी को मैं बाँहों में भर जाऊंगा

अपनी आँखों में मुझको झाँकने तो दे
मेरा दावा है मैं भी संवर जाऊंगा

पढके रोयेंगे प्यार करने वाले सब
बेबसी लेके गजलो में उतर जाऊंगा

तेरे दामन पे गिरी ओंस की बूँद हूँ
छूकर देखो उंगली पे बिखर जाऊंगा

बन गया है तू मेरी कमजोरी बेचैन
छोड़ उम्मीद मेरी जान सुधर जाऊंगा


No comments: