समन्दर और आसमान भी कम नजर आया
बता क्यूं मेरा प्यार तुझे बेदम नजर आया
क्या ख़ाक करू सोचा विचारी लेकर तुझको
तेरी हर बात में मुझको भरम नजर आया
मैं तो आशिक था दीवानगी कैसे छोड़ता
वही किया जो मुझे मेरा करम नजर आया
जिस सलीके से ले गया मुझे मौत के करीब
बुरा मत मानना तू मानव बम नजर आया
यही जान पाया तुझसे प्यार करके बेचैन
जुल्फों के साथ सोच मे भी खम नजर आया
बता क्यूं मेरा प्यार तुझे बेदम नजर आया
क्या ख़ाक करू सोचा विचारी लेकर तुझको
तेरी हर बात में मुझको भरम नजर आया
मैं तो आशिक था दीवानगी कैसे छोड़ता
वही किया जो मुझे मेरा करम नजर आया
जिस सलीके से ले गया मुझे मौत के करीब
बुरा मत मानना तू मानव बम नजर आया
यही जान पाया तुझसे प्यार करके बेचैन
जुल्फों के साथ सोच मे भी खम नजर आया
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