दर्द पहले ही ना थे कम मेरे
क्यूं कुरेदे तुमने जख्म मेरे
तेरे बाद मरने की आरज़ू है
मत भेज कही मुझे सनम मेरे
क्यू करूं तुझसे दिल की बात
जब रहे नही तुम हमदम मेरे
कितनी पी है तुझे खबर है साकी
अब तो लडखडाने दे कदम मेरे
किसी बहाने से साँस लेने दे
बेचैन मत तोड़ सब भ्रम मेरे
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