हमसे तो शौक भी नही पलता
वो आराम से कुत्ते पालते है
सलामत रहे हौसला उनका
जो गम को गेंद सा उछालते है
उम्र भर पाते है वो लोग दुख
जो बात-बात पर बातें टालते हैं
सुना है उसे शौहरत मिलती है
मछलियों को जो दाना डालते है
पूछ ही लेते है दोस्त हाल बेचैन
रिश्तेदार भला कब सम्भालते है
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