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Sunday, 27 November 2011

वो आराम से कुत्ते पालते है

हमसे तो शौक भी नही पलता
वो आराम से कुत्ते पालते है

सलामत रहे हौसला उनका
जो गम को गेंद सा उछालते है

उम्र भर पाते है वो लोग दुख
जो बात-बात पर बातें टालते हैं

सुना है उसे शौहरत मिलती है
मछलियों को जो दाना डालते है

पूछ ही लेते है दोस्त हाल बेचैन
रिश्तेदार भला कब सम्भालते है

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