नाम जब खुदा का लेने की सोची
रह रह कर आया ख्याल तुम्हारा
दिलों-दिमाग पर ये कैसा असर है
रूह पर बन है गया जाल तुम्हारा
कालेज के नये माहौल में जाकर
बताओ कैसा बीता साल तुम्हारा
किस कद्र दीवाना हूँ अदाओ का
अजीब सा लगा सवाल तुम्हारा
मेरे बेचैन होने का अफ़सोस न कर
छिपा नही है मुझसे हाल तुम्हारा
1 comment:
मेरे बेचैन होने का अफ़सोस न कर
छिपा नही है मुझसे हाल तुम्हारा ....
..bahot he khubsurat rachna hai...bechen sahab....nice...
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