वो उम्मीद की हदों से पार निकला
मेरे रकीबों का पक्का यार निकला
देता रहा दिलासे पर दिलासा मुझे
वो बहानेबाजों का सरदार निकला
खबरें सम्पादक के दिल से गुजरी
जब भी छप कर अखबार निकला
दर्द आंसू और बेबसी का जानकार
आदमी नही एक कलाकार निकला
गरीबी के कंधे चढ़कर पढने पर भी
मजदूर का बेटा बेरोज़गार निकला
मुझे देखे बिना बेचैन होने वाले का
अहसास ही बाद में व्यपार निकला
मेरे रकीबों का पक्का यार निकला
देता रहा दिलासे पर दिलासा मुझे
वो बहानेबाजों का सरदार निकला
खबरें सम्पादक के दिल से गुजरी
जब भी छप कर अखबार निकला
दर्द आंसू और बेबसी का जानकार
आदमी नही एक कलाकार निकला
गरीबी के कंधे चढ़कर पढने पर भी
मजदूर का बेटा बेरोज़गार निकला
मुझे देखे बिना बेचैन होने वाले का
अहसास ही बाद में व्यपार निकला
2 comments:
BHAI BAHUT KHOOB BECHAIN JI.............AAP JIS CHEEZ SE BHI BECHAIN HOTE HAIN..............LIKH DAALTE HAIN USPE !!!
thnx vishal bhai thnx
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