सच में गर चाहते हो खुदा का दीद
बकरा काट कर ना बनाओ बकरीद
मस्जिद की जगह घर में मकतल
कैसे हो भाई तुम मजहब के मुरीद
मारकर बेकसूर को खुद तो फसोगे
कुनबा भी बनेगा पाप का चश्मदीद
मांस की जगह सबको मिठाई बांटो
फिर कहो आपस में मुबारक हो ईद
दुखाकर किसी गरीब का दिल बेचैन
ना पीढ़ियों के लिए तकलीफें खरीद
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