खुदा करे वो भी रोये छिपकर
सुख के लम्हों को याद करके
हो इल्म उनको भी बेबसी का
पाकीज़ा उल्फत बर्बाद करके
तन्हाई दिल की करेगी बातें
देखिए खुद को नाशाद करके
ख़ुशी का दुगना मज़ा मिलेगा
देखो गम की फरियाद करके
ना छिप सकेगा असर उम्र का
जड़ी-बूटियों को इजाद करके
जिन्हें मुकदर ना रास आया
वो देखे मेहनत को याद करके
ना दे सकोगे फकीरों को कुछ
बेचैन दिल को फौलाद करके
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