बहाकर आंसू वक्त बर्बाद ना कर
भूलने वाले को तू भी याद ना कर
सौ फीसदी गूंगे बहरों का दौर है
बेकार किसी से फरियाद ना कर
बहाने उसके संजीदगी से लेकर
दर्द नया आये दिन इजाद ना कर
सरे बज्म कह दे जो भी कहना है
चुगली उसके जाने के बाद ना कर
हक मेरे हुनर का मुझे दे दे बेचैन
बेशक मेरी तू कोई इमदाद ना कर
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