यूं सबके दर्द को अपनी आह ना दो
पछताओगे बिन मांगे सलाह ना दो
वक्त के साथ मिटती है तो मिटने दो
धुंधली यादों को ज्यादा पनाह ना दो
अब तो ख्यालों की चोरी खूब होती है
हर शेर पर नए शायर को वाह ना दो
कुछ वज़ूद के लिए भी बचाकर रखो
अपने मन की कभी सारी थाह ना दो
जैसे की अधेड़ उम्र की महोब्बत बेचैन
कदमो को बिन मंज़िल की राह ना दो
पछताओगे बिन मांगे सलाह ना दो
वक्त के साथ मिटती है तो मिटने दो
धुंधली यादों को ज्यादा पनाह ना दो
अब तो ख्यालों की चोरी खूब होती है
हर शेर पर नए शायर को वाह ना दो
कुछ वज़ूद के लिए भी बचाकर रखो
अपने मन की कभी सारी थाह ना दो
जैसे की अधेड़ उम्र की महोब्बत बेचैन
कदमो को बिन मंज़िल की राह ना दो
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