मुझे अपनी और जमाने की औकात समझ में आ गई
बाउजी क्या गए दुनिया से कायनात समझ में आ गई
मैं अब अनसुनी नही करता हूँ हो बात कोई भी बाउजी
क्यूँ पाँव दबाते वक्त मारी थी वो लात समझ में आ गई
देने लगी है जब से पहरा मेरे सिरहाने पर जिम्मेदारियां
सचमुच कितनी लम्बी होती है रात समझ में आ गई
मेरा इससे जियादा ज्ञान बताओ क्या बढ़ेगा दुनिया का
यार प्यार और रिश्तेदारो की भी जात समझ में आ गई
अच्छे बुरे की समझ बेचैन लगभग आने लगी है क्यूकी
अब बाउजी की झिड़कियों भरी हर बात समझ में आ गई
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