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Saturday, 13 June 2015

उसूलो की बात तो करना बहुत आसान है

उसूलो की बात तो करना बहुत आसान है
निभाओ तो जानो खुद में कितनी जान है

अपनी बर्बादी की झूठी खबर फैलाकर देखे
अपनेपन का रिश्तेदारो पर जिसे गुमान है

यकीं है मेरे वज़ूद पर तो चली आ मंज़िल
मेरा बंद गली में एक कच्चा सा मकान है

बात तो जब है जब जनून को दिशा मिले
वरना तो हर सख्स के सीने में तूफ़ान है

नादान ना-समझ जिसे अहसास बोलते है
उसी वजह सैकड़ो जिंदगानियां हलकान है

अपनी दिक़्क़तों पर इतना दुखी मत होवो
हर सख्स किसी न किसी कारण परेशान है

हर शै से भारी बोझ है जेब का खाली होना
मन बेचैन हलका रखना पैसे को वरदान है


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