धडकनों को सकून लबो को हंसी दे दे
दम निकलने को है आके जिंदगी दे दे
कम न थी पहले ही हालात की उलझन
ऊपर से हिज्र दाता हयात से मुक्ति दे दे
ले चुका है मुझको आगोश में अँधेरा
मेरे हिस्से की मुझे कोई रौशनी दे दे
वादा है उम्र भर उफ़ तक ना करूंगा
तू बैठकर पास चाहे बेरुखी दे दे
वरना मरकर भी बेचैन रूह भटकेगी
तोड़ दूं चैन से दम इतनी ख़ुशी दे दे
दम निकलने को है आके जिंदगी दे दे
कम न थी पहले ही हालात की उलझन
ऊपर से हिज्र दाता हयात से मुक्ति दे दे
ले चुका है मुझको आगोश में अँधेरा
मेरे हिस्से की मुझे कोई रौशनी दे दे
वादा है उम्र भर उफ़ तक ना करूंगा
तू बैठकर पास चाहे बेरुखी दे दे
वरना मरकर भी बेचैन रूह भटकेगी
तोड़ दूं चैन से दम इतनी ख़ुशी दे दे
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