मत पूछों शराब कितना सकून देती है
गम को गलत करने का जुनून देती है
जीने का जब कोई भी बहाना ना बचे
उस हालत में मयकशी मजबून देती है
मस्ती के मारों आजमाकर तो देखो
बोतल रगों में नशीला खून देती है
लिखता तो हूँ मगर बेजान रहता हूँ
मुझे बेबसी जब वो खातून देती है
दम तोडती हयात को मयकशी बेचैन
सांसे खर्च करने का कानून देती है
गम को गलत करने का जुनून देती है
जीने का जब कोई भी बहाना ना बचे
उस हालत में मयकशी मजबून देती है
मस्ती के मारों आजमाकर तो देखो
बोतल रगों में नशीला खून देती है
लिखता तो हूँ मगर बेजान रहता हूँ
मुझे बेबसी जब वो खातून देती है
दम तोडती हयात को मयकशी बेचैन
सांसे खर्च करने का कानून देती है
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