आकर मुझे दर्द के दरिया से बाहर निकाल दे
निभानी है मुझको और भी जिम्मेदारियां कई
कम से कम तू तो मेरा उमर भर साथ दे दे
रिश्तेदार कर चुके है साथ मेरे गद्दारियां कई
अब इतने पेचीदा मत कर वजूद के हालात
तेरे गम के सिवा जिंदगी में है दुश्वारियां कई
बारूद का ढेर बन गई है सब यादें तुम्हारी
कर सकती है धमाका अश्कों की चिंगारियां कई
कबूल करने से कद छोटा नही होता बेचैन
आदमी करता है मसखरी में मक्कारियां कई
निभानी है मुझको और भी जिम्मेदारियां कई
कम से कम तू तो मेरा उमर भर साथ दे दे
रिश्तेदार कर चुके है साथ मेरे गद्दारियां कई
अब इतने पेचीदा मत कर वजूद के हालात
तेरे गम के सिवा जिंदगी में है दुश्वारियां कई
बारूद का ढेर बन गई है सब यादें तुम्हारी
कर सकती है धमाका अश्कों की चिंगारियां कई
कबूल करने से कद छोटा नही होता बेचैन
आदमी करता है मसखरी में मक्कारियां कई
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