मैं कभी काबिल हुआ तो पास आकर छुडवा लूँगा
गिरवी है मेरा वजूद तेरे पास कभी भूलना मत
आज गलतफहमियों ने सर उठाया है तो क्या हुआ
गुज़रे दौर में था खूब इखलास कभी भूलना मत
आज मैं जा तो रहा हूँ जुदाई के जंगलों में लेकिन
एक दिन खत्म होगा मेरा बनवास कभी भूलना मत
चाहे कितनी ही गिर जाए ये सेहत मगर अक्सर
रखूंगा जान तेरे लिए उपवास कभी भूलना मत
बस इतना कह सकता है अपनी सफाई में बेचैन
मरकर भी रहेगी मुझे तेरी प्यास कभी भूलना मत
गिरवी है मेरा वजूद तेरे पास कभी भूलना मत
आज गलतफहमियों ने सर उठाया है तो क्या हुआ
गुज़रे दौर में था खूब इखलास कभी भूलना मत
आज मैं जा तो रहा हूँ जुदाई के जंगलों में लेकिन
एक दिन खत्म होगा मेरा बनवास कभी भूलना मत
चाहे कितनी ही गिर जाए ये सेहत मगर अक्सर
रखूंगा जान तेरे लिए उपवास कभी भूलना मत
बस इतना कह सकता है अपनी सफाई में बेचैन
मरकर भी रहेगी मुझे तेरी प्यास कभी भूलना मत
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