इसलिए नही कांपता सर्दी से मेरा बदन
यादों की गरमी ने पसीने छुड़ा रखे है
मेरा सर्द हवाए क्या बिगाड़ेगी वाइज़
दोनों हाथों में मैंने जाम उठा रखे है
बताओ कैसे भूला दूं उस प्यार को मैं
जिसके लिए अश्को के मोती लुटा रखे है
क्यूं नही आएगी बता उस शख्स को मौत
जान देने जिसने सौ बहाने जुटा रखे है
उसी की याद में खोया रहता हूँ बेचैन
लम्हे मेरे सकून के जिसने चुरा रखे है
यादों की गरमी ने पसीने छुड़ा रखे है
मेरा सर्द हवाए क्या बिगाड़ेगी वाइज़
दोनों हाथों में मैंने जाम उठा रखे है
बताओ कैसे भूला दूं उस प्यार को मैं
जिसके लिए अश्को के मोती लुटा रखे है
क्यूं नही आएगी बता उस शख्स को मौत
जान देने जिसने सौ बहाने जुटा रखे है
उसी की याद में खोया रहता हूँ बेचैन
लम्हे मेरे सकून के जिसने चुरा रखे है
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