जितना खर्चता हूँ उतनी बढती जाती है
मुझको दर्द की वो ऐसी दौलत दे गया है
किसी से भी बतियाने को मन नही करता
अपनी यादों वो ऐसी सोहबत दे गया है
आकर के कल रात मेरे ख्वाब में कमबख्त
कुछ और दिन जीने की मोहलत दे गया है
चुगली ही सही मेरी होने लगी है चर्चा
वो कैसी मेरे हिस्से शोहरत दे गया है
ना जाने कब सिमटेगा अफ़सोस ये बेचैन
वो बेबसी किस जुर्म की बदौलत दे गया है
मुझको दर्द की वो ऐसी दौलत दे गया है
किसी से भी बतियाने को मन नही करता
अपनी यादों वो ऐसी सोहबत दे गया है
आकर के कल रात मेरे ख्वाब में कमबख्त
कुछ और दिन जीने की मोहलत दे गया है
चुगली ही सही मेरी होने लगी है चर्चा
वो कैसी मेरे हिस्से शोहरत दे गया है
ना जाने कब सिमटेगा अफ़सोस ये बेचैन
वो बेबसी किस जुर्म की बदौलत दे गया है
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