जितनी सिद्दत से जिसमे दर्द के नाले होंगे
उन्ही जख्मो से महोब्बत में उजाले होंगे
जिसको हर हाल में टूटना- बिखर जाना है
कल वही ख्वाब दिवानो के हवाले होंगे
मुझको नही मिलने के सैकड़ो सबब होंगे
खत तो उसने रोज डाक में डाले होंगे
गम के मारो की महफ़िल में देखिये जाकर
सबके होठों पर सर्द आह के प्याले होंगे
देख कर लगता है उसूले उल्फत अक्सर
जर्फ़ वालों की कसौटी पर निकाले होंगे
उसे पहला हक है बेचैन सफाई देने का
जिसने आस्तीनों में सांप ना पाले होंगे
उन्ही जख्मो से महोब्बत में उजाले होंगे
जिसको हर हाल में टूटना- बिखर जाना है
कल वही ख्वाब दिवानो के हवाले होंगे
मुझको नही मिलने के सैकड़ो सबब होंगे
खत तो उसने रोज डाक में डाले होंगे
गम के मारो की महफ़िल में देखिये जाकर
सबके होठों पर सर्द आह के प्याले होंगे
देख कर लगता है उसूले उल्फत अक्सर
जर्फ़ वालों की कसौटी पर निकाले होंगे
उसे पहला हक है बेचैन सफाई देने का
जिसने आस्तीनों में सांप ना पाले होंगे
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