मुझे इश्क की सूली पर लटकाने वाले
तू फसा तो बताऊंगा क्या चीज़ हूँ साले
हरेक नौजवान से है यही दरखास्त मेरी
कोई जानबूझ कर प्यार का पंगा ना ले
हर चीज़ में दिखती हो जब सूरत उसकी
खाना तक भी ऐसे में कोई कैसे खा ले
सच्ची महोब्बत है और वो नाराज तुझसे
अगर माँ का दूध पीया है तो मुस्कुरा ले
बार बार यही गुजारिस करता है बेचैन
दीवानगी किसी की कोई मजाक में ना ले
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