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Monday, 12 December 2011

उसने छोड़ने की धमकी दी है

उसने छोड़ने की धमकी दी है
दिल को तोड़ने की धमकी दी है

मेरी रातें तन्हाइयों के साथ
फिर से जोड़ने की धमकी दी है

कशमकश में हूँ क्या करूं उसने
गुमनामी ओढने की धमकी दी है

वो जनता है मैं चल नही सकता
उसने दौड़ने की धमकी दी है

करके बहाना जमाने का बेचैन
दिल को मोड़ने की धमकी दी है

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