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Thursday, 27 October 2011

जमाना यहाँ बैंड बजा देगा कालिये तेरा



कसेंगे लोग अगर तंज़ तो मैं सह लूँगा
है बात तेरी बता क्या होगा कालिये तेरा

हूँ गब्बर सिंह मैं दिल का फ़िक्र ना कर
जमाना यहाँ बैंड बजा देगा कालिये तेरा
सभी को तुमने बसंती समझ कर घूरा है
आकर कोई भी रिमांड लेगा कालिये तेरा
लिहाज़ तो बेचकर तुम पहले ही खा चुके
दिल क्या क्या और बेचेगा कालिये तेरा
अब हाले दिल कौन पूछेगा कालिये तेरा

नहा कर ठंडे पानी से इश्क फरमा बेचैन
राहत गर्मी से मन पायेगा कालिये तेरा






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