वही छिपाएगा हकीकत यारों
जिसके मन में चोर रहता हैं
वो रौब दूसरों पर ही झाड़ेगा
ना खुद पे जिसका जोर रहता हैं
नजर सभी पर शक की डालेगा
यकीं जिसका कमजोर रहता हैं
चेहरा कपड़ो की तरह बदलेगा
दिल में जिसके शोर रहता हैं
हाल बेचैन होने पर यारों
कहाँ अपनों पर गौर रहता हैं
2 comments:
kya bat hain bechain sahab
bahut khoob
वही छिपाएगा हकीकत यारों
जिसके मन में चोर रहता हैं
वो रौब दूसरों पर ही झाड़ेगा
ना खुद पे जिसका जोर रहता हैं
खुद की कमी को छुपाने का इससे अच्छा तरीका क्या हो सकता है...!!
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