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Friday, 14 December 2012

मरने के बाद किसने वफ़ा पाई है देखो तुम

गंगा मेरी आँखों में उतर आई है देखो तुम
मेरी सोच में मीलों तक तन्हाई है देखो तुम

मेरे हिस्से का आकाश वापिस मुझे लौटा दो
ये सरासर बेईमानी-ओ-चतुराई है देखो तुम

अश्को के सिवाय यादें कुछ भी नही देती है
मेरी सलाह में सौ फीसदी सच्चाई है देखो तुम

जिस घर में होंगे बर्तन वो आवाज भी करेंगे
बता इसमें कहाँ बातों की गहराई है देखो तुम

हम जिंदा है जब तलक आ प्यार कर ले बेचैन
मरने के बाद किसने वफ़ा पाई है देखो तुम


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