छोड़ देगी जिस रोज शक करना लडकियाँ
कुत्ते की पूंछ में सीधापन आ जाएगा
तकदीर में लिखा है तो हाय तौबा छोड़
तेरे पास चलकर खुद धन आ जाएगा
वो बुढ़ापे में भी इश्क की बातें करेगा
मिजाज में जिसके बांकपन आ जायेगा
वो फिर पाताल में पीछा नही छोड़ेगा
अगर हुस्न का इश्क पर मन आ जायेगा
पहला शेर तुझ पर ही लिखूंगा बेचैन
शायरी का मुझे जिस दिन फन आ जायेगा
कुत्ते की पूंछ में सीधापन आ जाएगा
तकदीर में लिखा है तो हाय तौबा छोड़
तेरे पास चलकर खुद धन आ जाएगा
वो बुढ़ापे में भी इश्क की बातें करेगा
मिजाज में जिसके बांकपन आ जायेगा
वो फिर पाताल में पीछा नही छोड़ेगा
अगर हुस्न का इश्क पर मन आ जायेगा
पहला शेर तुझ पर ही लिखूंगा बेचैन
शायरी का मुझे जिस दिन फन आ जायेगा
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