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Sunday, 27 May 2012

हर तरफ से तेरे तो हिस्से में मात है

दिल भी कहता है पेचीदा हालात है
कुछ भी हो सकता है डरने की बात है

इश्क में हर कदम फूंककर रखियेगा
हाँ डूबना तैरना खुद के ही हाथ है

इक तरफ दुनिया है इक तरफ अहसास
सोचो किसके बिना अधूरी हयात है

दिल में नफरत महोब्बत तू कुछ भी उगा
पास अश्कों की गर तुम्हारे बरसात है

मसखरी हर कदम पर की है तकदीर ने
तेरे संग से ही सब संजीदा जज्बात है

सांसो में रखता हूँ मैं छिपाकर तुझको
तलाश कर ले कोई किसकी औकात है

पीछे हट या आगे बढ़ जाओ बेचैन
हर तरफ से तेरे तो हिस्से में मात है






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