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Saturday, 12 May 2012

क्या दूं तुझको अब पैग का हिसाब मेरी जान

दिमाग खराब हो या तेरी याद सताती हो
बस मैं उसी दिन पीता हूँ शराब मेरी जान

गुस्से में तो बोतल के ही मुह लगा लेता हूँ
क्या दूं तुझको अब पैग का हिसाब मेरी जान

सवालों के घेरे में आ गया हो प्यार जिसका
वो बेचारा क्या देगा बता जवाब मेरी जान

नशे की नही बात पूरे होश में कह रहा हूँ
तेरे लबों आगे कुछ नही गुलाब मेरी जान

तू मुस्कुराकर दे रहा है मुझे जाम पर जाम
बस यही आते है आजकल ख्वाब मेरी जान

इसलिए लगाता हूँ पटियाला पैग अक्सर
बेहद ही तो पसंद है मुझे पंजाब मेरी जान

जिसने कभी ना पी वही बदनामी करता है
वरना नही है बेचैन मय खराब मेरी जान

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