दोस्तों दौर सचमुच कलयुगी आ गया
मैं मुस्कुराया तो वो गाली सुना गया
बच्चे जवान बूढ़े सब पर शक करते है
हुस्नवालों को भ्रम का कीड़ा खा गया
शरीफों को लल्लू समझती है लडकियाँ
कल रात मुझे मेरा महबूब बता गया
देखा जब बिल्लियों को आपस में लड़ते
सच कहता हूँ मुझे तो चक्कर आ गया
पायजामा तक जिसे न पहनना आता था
पड़ा इश्क में तो कमबख्त जींस फसा गया
उसके पसीने में भी खुशबू आती है
पहचान बस बेचैन इतनी बता गया
मैं मुस्कुराया तो वो गाली सुना गया
बच्चे जवान बूढ़े सब पर शक करते है
हुस्नवालों को भ्रम का कीड़ा खा गया
शरीफों को लल्लू समझती है लडकियाँ
कल रात मुझे मेरा महबूब बता गया
देखा जब बिल्लियों को आपस में लड़ते
सच कहता हूँ मुझे तो चक्कर आ गया
पायजामा तक जिसे न पहनना आता था
पड़ा इश्क में तो कमबख्त जींस फसा गया
उसके पसीने में भी खुशबू आती है
पहचान बस बेचैन इतनी बता गया
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