Friends

Friday, 13 January 2012

तुमसे मिलने जब आऊं, मुझे पहचान तो लोगी ना..?



तुमसे मिलने जब आऊं, मुझे पहचान तो लोगी ना..?
मैं अपना नाम बताऊं, मुझे पहचान तो लोगी ना..?

किसी रोज भीड़ से निकल कर अचानक कभी तुमको
अपना चेहरा दिखाऊँ, मुझे पहचान तो लोगी ना..?

ऑनलाइन देती हो तुम रोजाना जितना प्यार
रूबरू मांगने आऊं, मुझे पहचान तो लोगी ना..?

ख्वाब जैसे अहसास के रिश्ते को आगे बढ़ा कर
कभी हकीकत बन जाऊं , मुझे पहचान तो लोगी ना..?

भूली बिसरी किसी बज्म में होकर बेचैन तुमको
जब कोई गजल सुनाऊँ , मुझे पहचान तो लोगी ना..?

No comments: