होती मेरी माँ तो आज मुझे खूब धमकाती
दर्दे इश्क में पड़कर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
खून के आंसू रुलायेगे तुझे तेरे ही असआर
शायरी में धंसकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
आसमां की और थूकोगे तो मुहं पर गिरेगा
दूसरो पर हंसकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
तेरी दीवानगी और पागलपन कौन सराहेगा
जिंदगी से बचकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
झटके में लगा दे होश ठिकाने जिंदगी के
टुकडो में बंटकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
कयामत तक कोई नही याद रखेगा तुझको
जमाने से कटकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
भूल जा बेचैन किसने क्या कहा था तुझको
बातों से लिपटकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
दर्दे इश्क में पड़कर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
खून के आंसू रुलायेगे तुझे तेरे ही असआर
शायरी में धंसकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
आसमां की और थूकोगे तो मुहं पर गिरेगा
दूसरो पर हंसकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
तेरी दीवानगी और पागलपन कौन सराहेगा
जिंदगी से बचकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
झटके में लगा दे होश ठिकाने जिंदगी के
टुकडो में बंटकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
कयामत तक कोई नही याद रखेगा तुझको
जमाने से कटकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
भूल जा बेचैन किसने क्या कहा था तुझको
बातों से लिपटकर क्यूं खुदखुशी कर रहा है
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SUPAR
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