कुछ भी नही पाओगे शायर से दिल लगाकर
देखना पछताओगे शायर से दिल लगाकर
जमाने की गिनती पहाड़े कम जानता है
तुम कैसे निभाओगे शायर से दिल लगाकर
तुझे रखेगा हर वक्त अहसास के जंगल में
बहुत डर जाओगे शायर से दिल लगाकर
तुझे हर गजल में लगेगा महबूब इक नया
तुम शक पर शक जताओगे शायर से दिल लगाकर
तेरी जुल्फों की तरह ख्याल भी उलझ जायेंगे
किसको सुलझाओगे शायर से दिल लगाकर
होना पड़ेगा आपको बेचैन हर बात पर
कितनी कसम खाओगे शायर से दिल लगाकर
देखना पछताओगे शायर से दिल लगाकर
जमाने की गिनती पहाड़े कम जानता है
तुम कैसे निभाओगे शायर से दिल लगाकर
तुझे रखेगा हर वक्त अहसास के जंगल में
बहुत डर जाओगे शायर से दिल लगाकर
तुझे हर गजल में लगेगा महबूब इक नया
तुम शक पर शक जताओगे शायर से दिल लगाकर
तेरी जुल्फों की तरह ख्याल भी उलझ जायेंगे
किसको सुलझाओगे शायर से दिल लगाकर
होना पड़ेगा आपको बेचैन हर बात पर
कितनी कसम खाओगे शायर से दिल लगाकर
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