मेरे भीतर के शैतान से यारी कर लो
तुम हदों को तोड़ने की तैयारी कर लो
चेहरा बोल देगा मन की हर एक बात
आखिर कितनी ही तो हुश्यारी कर लो
जो नसीब में नही है कभी नही मिलेगा
तुम कितनी ही दोस्त मारामारी कर लो
नही घेरते है जब तक मुझे ऐब रिश्तेदारों
कितनी ही मेरे घर पर बमबारी कर लो
चंदा लेने आ रही है सियासत आपके द्वार
बचना है तो खुद को खदरधारी कर लो
मन में छिपा शख्स बाहर जरुर झांकेगा
तुम कितनी भी बेचैन कलाकारी कर लो
तुम हदों को तोड़ने की तैयारी कर लो
चेहरा बोल देगा मन की हर एक बात
आखिर कितनी ही तो हुश्यारी कर लो
जो नसीब में नही है कभी नही मिलेगा
तुम कितनी ही दोस्त मारामारी कर लो
नही घेरते है जब तक मुझे ऐब रिश्तेदारों
कितनी ही मेरे घर पर बमबारी कर लो
चंदा लेने आ रही है सियासत आपके द्वार
बचना है तो खुद को खदरधारी कर लो
मन में छिपा शख्स बाहर जरुर झांकेगा
तुम कितनी भी बेचैन कलाकारी कर लो
1 comment:
khubsurat khayal hai,Bechain bhai....
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