मुझसे मेरी जान यूं भागा मत कर
तेरे हक में उठती हुई दुआ हूँ मैं
टकटकी लगाकर देख तस्वीर मेरी
फिर बताइयेगा की कैसा हूँ मैं
अब जीते जी कैसे छुड़ाओगे पीछा
लहू बनकर तेरी रगों में रवां हूँ
ख़ुशी में बेशक मुझे याद ना कर
मगर गम की तेरे लिए दवा हूँ मैं
बेचैनी और शकुन दोनों मिलेंगे
आंसू का एक ऐसा कतरा हूँ मैं
बेवजह बेचैन मुझपर शक ना कर
रो पडूंगा बहुत ज्यादा दिलजला हूँ
तेरे हक में उठती हुई दुआ हूँ मैं
टकटकी लगाकर देख तस्वीर मेरी
फिर बताइयेगा की कैसा हूँ मैं
अब जीते जी कैसे छुड़ाओगे पीछा
लहू बनकर तेरी रगों में रवां हूँ
ख़ुशी में बेशक मुझे याद ना कर
मगर गम की तेरे लिए दवा हूँ मैं
बेचैनी और शकुन दोनों मिलेंगे
आंसू का एक ऐसा कतरा हूँ मैं
बेवजह बेचैन मुझपर शक ना कर
रो पडूंगा बहुत ज्यादा दिलजला हूँ
1 comment:
ab kya kahoo kya -kya hoon mai,
teri her marz ki dawa hoon mai.
sardi me tre liye garm hawa hoon mai,
garmi me lahraati bayar hoon mai.
koi samjhe ya na samjhe,
tera guzra hua pyar hoon mai.
jab bhi ji chahe yaad kar lena,
tere liye phir se jinda hone ko taiyar hoon mai.
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