रिश्तों के समन्दर में बहुत से मोती है
कोई माँ जैसा नही खुली चुनौती है
बज्म की असली जान तो वो बन बैठा
चुगली जिस शख्स के नाम पर होती है
जीते जी ना कम होगा यह खजाना
दर्द की दिल के पास तगड़ी फिरौती है
सुबकियों की भाषा तो वही समझेगा
अन्देरे में जिसकी आँखे नूर खोती है
सोचकर देखो मेरे नौजवान यारों
नई पीढ़ी औलाद खातिर क्या बोती है
होगा तेरा भी नाम इक दिन बेचैन
शेरों-सुखन किसके बाप की बपौती है
कोई माँ जैसा नही खुली चुनौती है
बज्म की असली जान तो वो बन बैठा
चुगली जिस शख्स के नाम पर होती है
जीते जी ना कम होगा यह खजाना
दर्द की दिल के पास तगड़ी फिरौती है
सुबकियों की भाषा तो वही समझेगा
अन्देरे में जिसकी आँखे नूर खोती है
सोचकर देखो मेरे नौजवान यारों
नई पीढ़ी औलाद खातिर क्या बोती है
होगा तेरा भी नाम इक दिन बेचैन
शेरों-सुखन किसके बाप की बपौती है
No comments:
Post a Comment