यूं तो पत्नी पर इल्जाम ना लगाओ यारो
उनसा कोई ओर है तो सामने लाओ यारो
एक दिल हम सीने में एक घर छोड़ते है
यदि में गलत हूँ तो गलत ठहराओ यारो
तुम्हरे बच्चे पाल दिए घर सम्भाल लिया
मेहरबानी ये मिटटी में ना मिलाओ यारो
अब भी गर भ्रम है तो तलाक देकर देखो
फिर रसोई के रस्ते मैदान में आओ यारो
ढूंढते हो जिस महबूब की आँखों में प्यार
उस प्यार पर चिल्लाकर तो दिखाओ यारो
पत्नी से बड़ी माँ तो कोई होती नही बेचैन
अपनी नही तो बच्चो की तो बनाओ यारो
1 comment:
haha :)sach
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