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Thursday, 15 September 2011

कोई हाथ मिलाकर दगा दे जायेगा


महोब्बत का दिल में मान रखा कर
आँखों में दर्द की  पहचान रखा कर

कोई हाथ मिलाकर दगा दे जायेगा
इतनी मत जान पहचान रखा कर
दीवानगी को लोग मजाल समझेंगे
हथेली पे ना अपनी जान रखा कर
मतलब परस्ती कहेंगे आपको सभी
ना दोस्तों के याद अहसान रखा कर
हर अच्छे बुरे की समझा देगा वक्त
बस खुले अपने दोनों कान रखा कर 
घर में  कितनी ही विदेशी चीज़ रख
दिल में पर अपने हिंदुस्तान रखा कर
शेर को सवा शेर जूमला है जब तक
तू  ताकत का ना अभिमान रखा कर
बचपन के देखें ख्वाब पूरे होंगे बेचैन
अपनी सोच की ऊँची उड़ान रखा कर

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