मेरे घर में मेरे जहन में जिससे उजाला है
मुझे माँ के बाद उसी बीवी ने सम्भाला है
शुक्र है बच्चों की माँ रूह में उतर गई वरना
साला हरेक रिश्तेदार मेरा देखा भाला है
इसलिए नही रखता मैं इश्कबाजी में यकीन
दिलो दिमाग पर लगा मोहतरमा का ताला है
सिवाय कमाने के मैं और करता भी क्या हूँ
सब बीवी ने जिम्मेवारी का बोझ सम्भाला है
कहो उससे बढ़कर मेरा कौन होगा गमख्वार
जिसके दिलो दिमाग में मेरी फ़िक्र का छाला है
वक्त के रहते पा लो अपने पाप से छुटकारा
दोस्तों मन तुम्हारा अगर कही से भी काला है
कैसे जीते जी भूलूँ उसका अहसान बेचैन
मिटाकर खुद को जिसने मेरे रंग में ढाला है
मुझे माँ के बाद उसी बीवी ने सम्भाला है
शुक्र है बच्चों की माँ रूह में उतर गई वरना
साला हरेक रिश्तेदार मेरा देखा भाला है
इसलिए नही रखता मैं इश्कबाजी में यकीन
दिलो दिमाग पर लगा मोहतरमा का ताला है
सिवाय कमाने के मैं और करता भी क्या हूँ
सब बीवी ने जिम्मेवारी का बोझ सम्भाला है
कहो उससे बढ़कर मेरा कौन होगा गमख्वार
जिसके दिलो दिमाग में मेरी फ़िक्र का छाला है
वक्त के रहते पा लो अपने पाप से छुटकारा
दोस्तों मन तुम्हारा अगर कही से भी काला है
कैसे जीते जी भूलूँ उसका अहसान बेचैन
मिटाकर खुद को जिसने मेरे रंग में ढाला है
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