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Saturday, 7 January 2012

बना लो कोई प्रोग्राम ठंड और संडे दोनों है

सुन बिन गुठली वाले आम ठंड और संडे दोनों है
बना भी ले कोई प्रोग्राम ठंड और संडे दोनों है

मुझे टोकने की गुस्ताखी हो सके तो मत करना
भाड़ में जाए काम धाम ठंड और संडे दोनों है

हद से ज्यादा जरूरत है दिल के दर्द को तुम्हारी
 मत दूर जा अ झंडूबाम ठंड और संडे दोनों है

बस आँखों में डाल आँखें पास मेरे बैठी रह
कबूल तेरे सब इल्जाम ठंड और संडे दोनों है

नही आएगी कमज़ोरी इक रोज की छुट्टी से
नही करते आज व्यायाम ठंड और संडे दोनों है

मौसम के बहाने मस्ती से मिलना हो जायेगा
देख लगाकर तू भी जाम ठंड और संडे दोनों है

ना रहे बेचैन कोई सबका दाता करे जुगाड़
सबके मन को मिले आराम ठंड और संडे दोनों है

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