शर्मिंदा हूँ किसी बात से
नही सोया हूँ कई रात से
हुआ जाने कैसे हादसा
अनचाही सी मुलाक़ात से
वो जवाब ऐसा ही दे गये
डरता हूँ अब सवालात से
रह जाता हूँ बस कांप कर
हाय इश्क के ख्यालात से
तुझे जीते जी मरवा देगा
नही यारी रख ज़ज्बात से
वो किसकी जुल्फें संवारेगा
जो उलझ रहा हो हालात से
यहाँ क्या मैं ही बेचैन हूँ
कोई पूछ दे कायनात से
1 comment:
नहीं.....!
आप अकेले नहीं हैं..!
आप जैसे न जाने कितने और भी हैं....!!
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